ये तन और मन तेरा प्यासा नित प्रीत फुहार धार माँगे। ये तन और मन तेरा प्यासा नित प्रीत फुहार धार माँगे।
आओ शब्दों के खेत में, ख़ामोशी को बोए, तितलियों के पंखों को, सपनों की जादुई छडी़ से, सहलाएँ.....। आओ शब्दों के खेत में, ख़ामोशी को बोए, तितलियों के पंखों को, सपनों की जादुई छडी...
बिन कहे उससे, खुद से मैं क्या कह गई आग सी लौ उठी दिल में और बुझ गई बेसुध हो गई मैं चुप रह गई।। बिन कहे उससे, खुद से मैं क्या कह गई आग सी लौ उठी दिल में और बुझ गई बेसुध हो गई...
सदियों तक झिलमिलाता रहेगा वसुधा के वक्ष पर अमर अजर सा। सदियों तक झिलमिलाता रहेगा वसुधा के वक्ष पर अमर अजर सा।
जब भी सोकर उठता हूँ सच... बड़ा मन करता है ! इच्छित ! जब भी सोकर उठता हूँ सच... बड़ा मन करता है ! इच्छित !
र शब्द का अर्थ व्यर्थ करती वो सुगंध सी चंदन में वो है, मंथन में वो है वो है कही चाँद - सितारों... र शब्द का अर्थ व्यर्थ करती वो सुगंध सी चंदन में वो है, मंथन में वो है वो ह...